The best Side of Hindi poetry
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जग में आकर सबसे पहले पाई उसने मधुशाला।।२७।
बैर बढ़ाते मस्जिद मन्दिर मेल कराती मधुशाला!।५०।
मुनि कन्याओं सी मधुघट ले फिरतीं साकीबालाएँ,
हाथ पकड़ लज्जित साकी को पास नहीं जिसने खींचा,
दे मुझको वो कान्धा जिनके पग मद डगमग होते हों
कभी get more info निराशा का तम घिरता, छिप जाता मधु का प्याला,
मैंने बचपन में एक कविता पढ़ी थी, जिसका शीर्षक में भूल गया हूँ
आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं
जौन एलिया: नज़्म 'हमेशा क़त्ल हो जाता हूँ मैं'
भर लो, भर लो, भर लो इसमें, यौवन मधुरस की हाला,
दोनों रहते एक न जब तक मस्जिद मन्दिर में जाते,
कभी उजाला आशा करके प्याला फिर चमका जाती,
Tamnnaa thee ki aaj kuch paa lain lekin aaj phir khaali rah gaye....na hai shikwa kisi se na khud se lekin sikwa male key rah gayi ........tha sabhi ke beech main lekin phir bhee apne aap primary akela rah gaya...... Jayesh Sanghani
प्राप्य नही है तो, हो जाती लुप्त नहीं फिर क्यों हाला,
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